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राजेन्द्र यादव नई कहानी की जमीन को हमवार करनेवाले अगली पंक्ति के कथाकारों में एक रहे हैं। शहरी मध्यवर्गीय समाज की वर्गगत विद्रूपताओं, विडम्बनाओं और पीड़ाओं का अत्यंत प्रामाणिक विश्वसनीय लेखा-जोखा उनके यहाँ मिलता है। जीवन के दैनिक प्रसंगों में निहित अन्तर्विरोध को उजागर करने के लिए कहानी के शिल्प में भी राजेन्द्र यादव ने अनेक प्रयोग किए हैं। मध्यवर्गीय मनोरचना की जटिल गुत्थियों को खोलने-समझने के लिए यह शायद जरूरी भी था। इस संकलन की कहानियाँ भी स्वातंत्रयोत्तर भारत के मध्यवित्त समाज के भीतर संक्रमण से गुजर रहे नैतिक मूल्यों, स्त्री-पुरुष सम्बन्धों, सामाजिक परिस्थितियों तथा इन सबके बीच पैदा हो रही नई दृष्टि को रेखांकित करती हैं। - डॉ. देवराज
Tags:
Fiction;
Stories;