Pratinidhi kavitayen : Rajesh Joshi

Pratinidhi kavitayen : Rajesh Joshi

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  • ISBN: 9788126724123
  • Edition/Reprint: 4th
  • Author(s): Rajesh Joshi, Ed. Sudhir Ranjan Singh
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Product ID: 567043
  • Country of Origin: India
  • Availability: Sold Out

About Product

राजेश जोशी की कविताओं को पढ़ना एक पीढ़ी और उसके समय से दस-पन्द्रह साल पीछे की कविता और उससे जुड़ी बहसों के बारे में सोचना, और इतने ही साल आगे की कविता और उसकी मुश्किलों की ओर ताकना है। कविता की एक संश्लेषी परम्परा रही है, जिसके भीतर राजेश जोशी की सक्रियता देखी जा सकती है। इसी बात ने उन्हें खास पहचान दी और समकालीन कविता को भी। केदारनाथ सिंह का यह कथन बिल्कुल दुरुस्त है कि 'राजेश जोशी आज की कविता के उन थोड़े से महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षरों में हैं, जिनसे समकालीन कविता की पहचान बनी है।' राजेश जोशी की 'समझ' से समकालीन कविता और उसकी नई पीढ़ी अभिन्न है। कविता की एक संश्लेषी परम्परा, जो पीछे ही नहीं आगे भी जाती है। इसमें प्रतिरोध और प्रतिबद्धता है तो पर्याप्त लोच भी है।

Tags: Poems; Representative Poems;

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