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हो सकता है कि इधर कहानी कि परिभाषा बदल गई हो, लेकिन मेरे हिसाब से एक अच्छी कहानी कि अनिवार्य शर्त उसकी पठनीयता होनी चाहिए ! आतंक जगानेवाली शुरुआत कहानी में न हो, वह अपनत्व से बाँधती हो तो मुझे अच्छी लगती है ! आकांक्षा की कहानी 'तीन सहेलियाँ तीन प्रेमी' पढना शुरू किया तो मैं पढ़ती चली गई ! यह कहानी दिलचस्प संवादों में चली है ! उबाऊ वर्णन कहीं है ही नहीं ! सम्प्रेषणीयता कहानी के लिए जरूरी दूसरी शर्त है ! लेखक जो कहना चाह रहा है, वह पाठक तक पहुँच रहा है ! इस कहानी के पाठक को बात समझाने के लिए जददोजहद नहीं करनी पड़ती ! संवादों में बात हम तक पहुचती है ! स्पष्ट हो जाता है कि कहानी कहती क्या है ! लेखक क्या कहना चाहता है ! एक चीज यह भी कि रचनाकार ने कोई महत्तपूर्ण मुददा उठाया है, वह है व्यक्ति या समाज का ! आखिर वह मुददा क्या है ! सहज ढंग से, तीन अविवाहित लड़कियों कि कहानी है यह जो तीन ह पुरुषों से प्रेम करती हैं ! वहाँ हमें मिलना कुछ नहीं है, यह जानते हुए भी वे उस रास्ते पर जाती हैं ! अच्छी बात यह है कि आकांक्षा ने न पुरुषों को बहुत धिक्कारा है, न आँसू बहाए हैं ! कहानी सहज-सरल ढंग से चलती है ! लड़कियाँ अपनी सीमाएँ जानते हुए भी सेलिब्रेट करती हैं और अन्त में अविवाहित जीवन कि त्रासदी होते हुए भी (त्रासदी में कह रही हूँ, कहानी में नहीं है), कहीं यह भाव नहीं है, यह जीवन का यथार्थ है ! जो नहीं मिला है, उसे भी सेलिब्रेट करो ! आकांक्षा से पहली बार मिलने पर मुझे लगा कि यह लड़की सहज है ! फिर एक शहर का होने के नाते निकटता और बढ़ी !
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Fiction;
Stories;