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उर्दू के आधुनिक लेखक और कवि अलि सरदार जाफरी प्रगतिशील आन्दोलन के भी अगुआ रहे हैं ! न केवल स्वतंत्रता-सेनानी, आन्दोलन के संगठन और कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने योगदान दिया बल्कि कविता के अलावा गद्य-लेखन और विशेषकर भक्ति आन्दोलन पर मौलिक काम किया है ! इस वर्ष उन्हें भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है ! सरदार जाफरी विख्यात मानवतावादी कवि पाब्लो नेरूदा और तुर्की कवि के मित्र रहे हैं ! उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में जन्मे जाफरी ने दुनिया भी देखि और वक्त के थपेड़े भी खाए ! लखनऊ की पांच रातें यात्राओं, दोस्तियों और देश-विदेश में फैले जाने-अनजाने व्यक्तियों के बारे में लिखी किताब है ! यह यात्रा-वृतांत, संस्मरण, आत्म-स्मरण और रेखाचित्र-सबों का मिला-जुला रूप है लेकिन इसमें जबर्दस्त पठनीयता है ! बलरामपुर से मुंबई और विदेश तक के सफ़र में अलीगढ के पड़ाव पर के.एम्. अशरफ जैसे शिक्षक, मुहम्मद हबीब, इरफ़ान हबीब जैसे इतिहासकार, सज्जाद जहीर, ख्वाजा अहमद अब्बास तथा इस्मत चुगताई जैसे प्रसिद्ध लेखकों का संग-साथ मिला ! लखनऊ के पड़ाव पर सिब्ते हसन, यशपाल, रशीदजहाँ और मजाज मिले ! लखनऊ की पांच रातें एक तरह से मजाज पर है ! दुर्लभ संस्मरणों की इस किताब में छोटे-छोटे मगर बड़ी अहमियतवाले प्रसंग आते जाते हैं तो उस सुनहरे दौर की रील आँखों के सामने घूम जाती है ! रूसी डाक्टरनी गेलेना से लेकर काक्स बाजार की चेहरू माँझी जैसी बेमिसाल स्त्रियों को भुलाना मुश्किल है ! यह छोटी-सी खूबसूरत किताब हर घर की शान समझी जाएगी.
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Memoirs;