Chanakya Ke Jasoos

Chanakya Ke Jasoos

₹ 317 ₹350
Shipping: Free
  • ISBN: 9789389598421
  • Edition/Reprint: 2nd
  • Author(s): Trilok Nath Pandey
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Product ID: 567508
  • Country of Origin: India
  • Availability: Sold Out

About Product

चाणक्य के जासूस’ अनेक अर्थों में एक महत्त्वपूर्ण कृति है। यह न केवल इतिहास को एक नई दृष्टि से देखती है बल्कि जासूसी के तमाम पुरातन-ऐतिहासिक तकनीकियों का विशद विवेचन भी करती है। चाणक्य के बारे में प्रचलित अनगिनत मिथकों से इतर इसमें हमें उनका वह रूप दिखलाई पड़ता है, जो जासूसी का शास्त्र विकसित करता है और उसे राजनीतिशास्त्र का अपरिहार्य अंग बनाकर म साम्राज्य के शक्तिशाली किंतु अहंकारी शासक धननन्द का अन्त संभव करता है। बेशक धननन्द का महामात्य कात्यायन जो इतिहास में राक्षस के रूप में प्रसिद्ध है, भी जासूसी में कम प्रवीण न था, लेकिन उसके पास केवल सत्ता-बल था। उसकी जासूसी विद्या नैतिकता की बजाय निजी स्वार्थपरता से संचालित थी। लेकिन चाणक्य ने अपनी जासूसी में व्यावहारिकता और नैतिकता का सामंजस्य हमेशा बनाए रखा और म साम्राज्य की जनता के कल्याण के उद्देश्य को कभी नहीं भूला। यह उपन्यास दिखलाता है कि चाणक्य ने सम्राट धननन्द को खून की एक भी बूंद बहाए बिना अपने बुद्धिबल से म साम्राज्य के सिंहासन से अपदस्थ किया और चंद्रगुप्त को उस पर बिठाकर राष्ट्र के सुदृढ़ भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया। इसमें इतिहास का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला वह जासूसी तंत्र अपने पूरे विस्तार में दिखलाई पड़ता है, जो हमेशा से नेपथ्य में रहकर ही अपना काम करता है। इतिहास का एक महत्वपूर्ण कालखंड इस उपन्यास का आधार है। लेकिन यह एक साहित्यिक कृति है। इसलिए इतिहास को दुहराने की बजाय इसमें उस कालखंड के ऐतिहासिक मर्म को तथ्यसंगत ढंग से प्रस्तुत किया गया है, जिसकी प्रासंगिकता आज भी कायम है। उपन्यास में लेखक ने जासूसी की आधुनिक विधियों का भी पर्याप्त उल्लेख किया है और तमाम ऐतिहासिक और आधुनिक सन्दर्भों से उसे विश्सनीय बनाया है। इस लिहाज से यह खासा शोधपूर्ण उपन्यास है, खासकर इसलिए भी कि ख़ुद लेखक भी लम्बे समय तक जासूसी सेवा में रहा है। बेहद पठनीय और रोमांचक कृति! —br>—शशिभूषण द्विवेदी चाणक्य के कालखंड के जासूसी-तंत्र की कथा के अलावा आधुनिक जासूसी विधियों की रोचक जानकारी के लिए भी यह किताब पठनीय है। युद्ध केवल रणक्षेत्र में नहीं जाते। वह दरबार, बाजार और अंत:पुर के अंदर भी लड़े जा सकते हैं। चाणक्य ने यह संभव कर दिखाया। जिसे आज हम आधुनिक विश्व में प्रमुखता से देख रहे हैं। लेकिन कैसे शुरू हुई जासूसी, क्या है यह कला, इसका इतिहास रोचक ढंग से बताता है यह उपन्यास। ज्ञान के साथ मनोरंजन और रोमांच का मेल किसी भी किताब की पठनीयता तय करने वाली एक ज़रूरी कसौटी है। पाठक की इस कसौटी पर यह किताब खरी उतरेगी। किस तरह जीवन को संचालित करने में सिर्फ सिद्धांत ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक बुद्धि और दूरदर्शिता के साथ नैतिकता का भी मोल है, यह उपन्यास इसका सुंदर उदाहरण है।

Tags: Philosophy; Novel; Fiction; Thought;

73384+ Books

Wide Range

67+ Books

Added in last 24 Hours

2000+

Daily Visitor

8

Warehouses

Brand Slider

BooksbyBSF
Supply on Demand
Bokaro Students Friend Pvt Ltd
OlyGoldy
Akshat IT Solutions Pvt Ltd
Make In India
Instagram
Facebook