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वेरियर एलविन एक युवा अंग्रेज थे जो मिशनरी बनकर भारत आए और बाद में भारत के एक महत्त्वपूर्ण मानव-विज्ञानी बने । गांधीजी की प्रेरणा और जमनालाल बजाज के मार्गदर्शन में वेरियर एलविन ने मैकाल पहाड़ी पर बसे एक गोंड गाँव करंजिया में बसने का निर्णय लिया और उस क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए खुद को समर्पित कर दिया । 'एक गोंड गाँव में जीवन' उनके करंजिया में बिताये 1932 से 1936 के जीवन का रोजनामचा है जहाँ वे गोंड लोगों की तरह ही स्वयं और कुछ मित्रों की सहायता से बनाई गई एक झोपड़ी में रहते थे । यह जीवंत, मर्मस्पर्शी और उपख्यानात्मक पुस्तक है जिसमें एलविन ने निरीक्षण की अपनी मानव-विज्ञानी क्षमता और स्वाभाविक विनोदप्रियता के संयोग से गोंड जीवन की बहुरंगी छवि और आश्रम, जिसमें हिन्दू मुसलमान, ईसाई, गोंड आदि सभी शामिल हैं, की आन्तरिक उपलब्धि का उत्कृष्ट वर्णन किया हे ।
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Adivasi Literature;
Literature;