Deerghatapa

Deerghatapa

₹ 351 ₹395
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  • ISBN: 9788126714780
  • Edition/Reprint: 3rd
  • Author(s): Phanishwarnath Renu
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Product ID: 567761
  • Country of Origin: India
  • Availability: Sold Out

About Product

दीर्घतपा आज के युग में जहाँ भ्रष्टाचार का बोलबाला हो, चरित्रहीनता पराकाष्ठा पर हो, अपने और पराये का भाव-बोध जड़ जमाए बैठा हो, चारों ओर ‘हाय पैसा, हाय पैसा’ की अफरा-तफरी मची हो, ऐसे माहौल में शान्तिपूर्वक जीवन बसर कर पाना किसी चुनौती से कम नहीं। बेला गुप्त भी सहज जीवन जीना चाहती थी, लेकिन उनके साथ क्या हुआ? कई हादसों से गुजरने के बावजूद वह टूटी नहीं, बल्कि अपने कर्तव्य-पथ पर अग्रसर रही। लेकिन आज ? आज वह टूट चुकी है। ईमानदारी, कार्य के प्रति निष्ठा - उसके लिए अब बेमानी हो चुकी है। जैसे सारी चीजों पर से उसका मोहभंग हो गया हो! और यही वजह है कि दूसरों के अपराधों को स्वीकार कर वह जेल-जीवन अपना लेती है। दीर्घतपा फणीश्वरनाथ रेणु का एक मर्मस्पर्शी उपन्यास है। इस उपन्यास के माध्यम से लेखक ने जहाँ वीमेंस वेलफेयर की आड़ में महिलाओं के यौन उत्पीड़न को उजागर किया है वहीं सरकारी वस्तुओं की लूट-खसोट पर से पर्दा हटाया है।

Tags: Novel;

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