Hindi Sahitya Ki Bhoomika

Hindi Sahitya Ki Bhoomika

₹ 711 ₹795
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  • ISBN: 9788126705795
  • Edition/Reprint: 14th
  • Author(s): Hazariprasad Dwivedi
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Product ID: 567933
  • Country of Origin: India
  • Availability: Sold Out

About Product

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की इस पुस्तक का प्रणयन उन व्याख्यानों के आधार पर हुआ है जो उन्होंने ‘विश्व- भारती’ के अहिंदी-भाषी साहित्यिकों को हिंदी साहित्य का परिचय कराने के उद्देश्य से दिए थे। मूल व्याख्यानों में से ऐसे बहुत-से अंश छोड़ दिए गए हैं, जो हिंदी-भाषी साहित्यिकों के लिए अनावश्यक थे। विद्वान लेखक का आग्रह है कि हिंदी साहित्य को संपूर्ण भारतीय साहित्य से विच्छिन्न करके न देखा जाए। मूल पुस्तक में बार-बार संस्कृत, पालि, प्राकृत और अपभ्रंश के साहित्य की चर्चा आई है, इसलिए संक्षेप में वैदिक, बौद्ध और जैन-साहित्यों का परिचय परिशिष्ट जोड़कर करा दिया गया है। रीतिकाव्य की विवेचना के प्रसंग में कवि-प्रसिद्धियों और स्त्री-अंग के उपमानों की चर्चा आई है। मध्यकाल की कविता के साथ संस्कृत कविता की तुलना के लिए आवश्यक समझकर द्विवेदीजी ने परिशिष्ट में इन दो विषयों पर भी अध्याय जोड़ दिए हैं। हिन्दी साहित्य का परिचय कराने में इस प्रकार यह ग्रन्थ लोकप्रिय एवं प्रामाणिक बन पड़ा है।

Tags: Literary Criticism; Literature;

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