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किसी भी बिजनेस के फर्श से अर्श तक की यात्रा के बीच कहीं कोई ठहराव नहीं होता; क्योंकि जहाँ ठहरे वहाँ समाप्ति। इसलिए इस यात्रा को पर्वतारोहण की तरह पूरी सावधानी, जिम्मेदारी और निरंतरता के साथ चलाए रखना होता है, तभी एवरेस्ट को फतह किया जा सकता है। इसके बाद यह देखना होता है कि शीर्ष पर कैसे स्थापित रहा जाए। इसके लिए बिजनेसमैन को सामयिक रणनीतियाँ बनानी होती हैं। कुल मिलाकर बिजनेस एक ऐसी मंजिल है, जिसे हर समय प्रकाशमान रखना होगा। वहाँ अँधेरा होने का मतलब है—सबकुछ चौपट हो जाना। प्रस्तुत पुस्तक कुछ ऐसे ही व्यवसायियों की प्रेरक संक्षिप्त जीवन-गाथाओं का संकलन है, जिन्होंने पारिवारिक परंपराओं को तोड़कर व्यवसाय में हाथ आजमाए और अपनी कठोर मेहनत, जुझारूपन व जीवंत समर्पण के दम पर शून्य से शिखर तक पहुँच गए और आज व्यावसायिक क्षितिज पर सितारों की तरह जगमगा रहे हैं। भावी बिजनेसमैन बिजनेस के इन सितारों से उनकी रणनीतियाँ, युक्तियाँ व कार्यशैली से प्रेरणा लेकर सफलता के पथ पर आगे बढ़ सकते हैं। पुस्तक में अजीम प्रेमजी से लेकर डॉ. नारायण मूर्ति और आनंद महिंद्रा से लेकर गौतम अडाणी तक की बिजनेस रणनीतियाँ वर्णित की गई हैं। बिजनेस में सफल होने और चमकने के व्यावहारिक गुर बताती अत्यंत उपयोगी पुस्तक।
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Business Studies;
Entrepreneurship;