Bhagvadgita Ke Rahasya

Bhagvadgita Ke Rahasya

₹ 105 ₹150
Shipping: ₹ 54
  • ISBN: 9789352666157
  • Author(s): Shri Vishwanath
  • Publisher: Prabhat Prakashan (General)
  • Product ID: 570265
  • Country of Origin: India
  • Availability: Sold Out
Available on SOD This book is available on our Supply on Demand (SOD) feature. It will be procured after your order. Dispatch can take 1-3 working days. Know more.
Check delivery time for your pincode

About Product

कृष्ण सही जगह पर सीधी चोट करते हैं और अर्जुन के हृदय में चल रहे द्वंद्व के पार देख लेते हैं, भावनात्मकता और कर्तव्यपरायणता के बीच चल रहे द्वंद्व को, ‘‘हे अर्जुन, तुम उनके लिए शोक कर रहे हो, जो शोक करने योग्य ही नहीं हैं और साथ ही बड़े विद्वानों जैसी बातें कर रहे हो। यह तुम्हारे लिए उचित और उपयुक्त नहीं है। जो ज्ञानवान् है, वह न तो मृत के लिए शोक करता है और न जीवित के लिए।’’ ‘अनुचितता’ व ‘अनुपयुक्तता’ वे सारतत्त्व हैं, जिन पर भगवद्गीता में दी गई कृष्ण की सारी शिक्षा आधारित है। कृष्ण फिर और भी बहुत सारे सत्य अर्जुन के सामने उजागर करते हैं, जो उसके असत्य तथा मिथ्या विश्वासों के उस अंधकार को मिटा देते हैं, जिनके चलते वह अपने वास्तविक स्वरूप को नहीं पहचान पा रहा था। इस प्रकार अपने मोह व भ्रम के दूर हो जाने और अपनी स्मरण शक्ति को वापस पा लेने से अर्जुन इस इतिहास-प्रसिद्ध युद्ध में विजय प्राप्त कर सका। यह पुस्तक कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए संपूर्ण उपदेश पर कोई भाष्य नहीं है। इसका केंद्रबिंदु तो भगवद्गीता के सार को, कृष्ण के गूढ़ योग को और परलोकों के अज्ञात विधानों को प्रकट करना है। श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान को सरल-सुबोध भाषा में प्रस्तुत करती पठनीय पुस्तक।

Tags: Mahabharat; Religious;

81134+ Books

Wide Range

32+ Books

Added in last 24 Hours

2000+

Daily Visitor

8

Warehouses

Brand Slider

BooksbyBSF
Supply on Demand
Bokaro Students Friend Pvt Ltd
OlyGoldy
Akshat IT Solutions Pvt Ltd
Make In India
Instagram
Facebook