Kaka Ke Golgappe

Kaka Ke Golgappe

₹ 264 ₹300
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  • ISBN: 9789352665389
  • Author(s): Kaka Hathrasi
  • Publisher: Prabhat Prakashan (General)
  • Product ID: 570450
  • Country of Origin: India
  • Availability: Sold Out
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About Product

काका संचयन के इस खंड में काका हाथरसी द्वारा लिखे गए गद्य और एकांकियों की इंद्रधनुषी छटा है। महामूर्ख सम्मेलन, भोगा एंड योगा, br>लव लैटर्स काका-काकी के, काका-काकी की नोक-झोंक तथा काका के प्रहसन जैसे महत्त्वपूर्ण अंश इस पुस्तक में पढ़ने को मिलेंगे। वस्तुतः काका की प्रवृत्ति कवि की है, इसलिए उनका गद्य भी काव्यात्मकता से प्रयोग गद्य को काव्य में बदलते हुए दिखाई देते हैं। साथ ही काका के गद्य में कथा साहित्य का पूरा आनंद भी पाठक प्राप्त कर सकेंगे। ‘भोगा एंड योगा’ तथा ‘br>लव लैटर्स’ तो उपन्यासिकाओं के समीप की रचनाएँ हैं। जिस प्रकार काका ने अपने काव्य द्वारा अनेकानेक विसंगतियों पर तीव्र और मारक व्यंग्य प्रहार किए हैं, उस क्रम में उनका गद्य भी व्यंग्य से अछूता नहीं रहा है। हास्य तो उसमें है ही, यह बात दुहराने की आवश्यकता नहीं। ‘भोगा एंड योगा’ में एक ढोंगी आश्रम की विलक्षण गाथा प्रस्तुत की गई है। देश में हजारों योगाश्रम हैं, जिनमें कुछ तो वास्तव में जन-गण की सेवा कर रहे हैं, किंतु योग के खोल में भोग की मेवा चरनेवाले आश्रम भी कम नहीं हैं। ‘महामूर्ख सम्मेलन’ नाम से काका ने अनेक कथात्मक लेख लिखे थे, उनमें कुछ विशिष्ट लेख यहाँ प्रस्तुत हैं। ‘काका के प्रहसन’ तथा ‘br>लव लैटर्स’ का आनंद भी आप उठाएँगे। निश्चय ही काका की कविताओं की तरह उनकी गद्य रचनाएँ भी आपको हँसाएँगी, गुदगुदाएँगी और सोचने पर विवश भी करेंगी।

Tags: Comedy; Non-Fiction; Stories;

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