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मेरा देश बदल रहा है भारत वर्ष के युगांतकारी परिवर्तनों से ओतप्रोत ज्वलंत मुद्दों का संकलन है, जिसमें भारत के सर्वसमावेशी विकास की समकालीन परिस्थितियों का तथ्यात्मक विश्लेषण किया गया है। दुनिया के विशालतम लोकतंत्र में मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित शोषित गरीब-मध्यम वर्ग कृषि प्रधान देश और लोकतंत्र में हावी तंत्र से पीडि़त देश को 30 वर्षों बाद 2014 में संपूर्ण बहुमत मिला। आजादी के सात दशकों बाद वर्तमान सरकार ने सबको साथ लेकर चलनेवाली विकास की मूल भावना से ‘सबका साथ सबका विकास’ को धरातल पर चरितार्थ किया है। गाँवों के देश भारत के पुनर्निर्माण में अंत्योदय की आवाज का महत्त्व बिना ऊँच-नीच के भेदभाव से किया जाने लगा है, जिसमें सामाजिक न्याय व आर्थिक मापदंडों को सार्थक करते हुए योग्यता के आधार पर शिक्षा और रोजगार के अवसर हर जन को उपलब्ध कराए गए। उक्त पुस्तक में विभिन्न विषयों पर लिखे गए लेख यू.पी.ए. के 55 वर्ष के शासनकाल का एन.डी.ए. के 5 वर्ष के शासनकाल में लिये गए मजबूत निर्णयों के परिणामों का विश्लेषण है। आज देशवासियों की लोकतंत्र के प्रति आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में विकासशील से विकसित भारत के निर्माण की यात्रा में महत्त्वपूर्ण पड़ाव पर हम पहुँच चुके हैं, जिसमें एन.डी.ए. के शासनकाल में डिजिटल अभियान को सामाजिक आंदोलन बनाने से गरीबी उन्मूलन के निर्णायक दौर पर करोड़ों भारतीयों के गरीबी में जीवन व्यतीत करना अब अंतिम पड़ाव की ओर है।
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