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पति, पत्नी और नौसेना—कमोडोर विजय शंकर बबेलेकमोडोर वी. एस. बबेले ने नौसैनिकों की हृदय नौकाओं के अद्भुत, दुःसाहस भरे दृश्य की एक झाँकी ‘पति, पत्नी और नौसेना’ में प्रस्तुत की है। इस कृति में नौसैनिक जीवन का शायद ही कोई प्रसंग अछूता रहा हो। कवि ने नौसैनिक जीवन की दूरी को निकटता में, वियोग को संयोग में, वेदना को मुस्कान में और कठोर अनुशासन भरे जीवन की नीरसता को मस्ती भरी सरसता में तब्दील कर दिया है। पति-पत्नी के बीच के संबंधों, नोक-झोक, कहासुनी और घात-प्रतिघातों को उन्होंने बड़ी कुशलता से उकेरा है।पति-पत्नी के बीच ‘नौसेना पत्नी कल्याण संघ’ (NWWA) के संयोग को बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। NWWA के उद्देश्य एवं कार्य पद्धति का चित्रण इस बात का प्रतीक है कि भारतीय नारियाँ हमेशा ही प्रेरणा स्रोत ही नहीं अपने कर्तव्यों द्वारा सारे समाज हेतु उदाहरण के रूप में उभरी है। नौसैनिक पत्नियों का सहयोग भारतीय नौसेना की प्रगति के लिए एक उद्दीप्त उदाहरण है।मुझे पूरा विश्वास है कि कमोडोर बबेले की यह कृति नौसैनिकों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देशवासियों एवं सभी पाठकों के लिए प्रेरणा, आनंद और सुखद अनुभूति का विषय बनेगी।श्रीमती मधुलिका वर्मा
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