About Product
मीटिंग चालू आहे मीटिंग के अनेक फायदे हैं, जैसे—कार्यालय की एकरस जिंदगी से अफसर ऊबें, इसके पहले ही उन्हें एक मीटिंग रूपी चेंज मिल जाता है और वे ऊबकर अक्षम बनने से बच जाते हैं। मीटिंग अफसरों की प्रेरणा-स्रोत भी होती है। यह उन्हें स्फूर्ति प्रदान करती है। मीटिंग में कुछ अफसर स्वयं की अक्षमता या गलती की सफाई देकर तनाव-मुक्त होते हैं, तो कुछ एक-दूसरे की टाँग खींचकर पुरानी रंजिश का बदला लेकर तनाव-मुक्त होते हैं। अफसरों के लिए भरपूर यात्रा-भत्ता, खाना-भत्ता इत्यादि का भी जुगाड़ मीटिंग के कारण हो जाता है। कुछ को सरकारी जीप अथवा कार में बीवी-बच्चों सहित शहर घूमने तथा शॉपिंग करने का मौका भी मीटिंग ही उपलब्ध करवाती है। छोटे अफसरों के बड़े अफसरों से संबंधों और बड़े अफसरों के मंत्रियों से संबंधों में प्रगाढ़ता मीटिंग से ही आती है। मीटिंग के दौरान ही प्रतिभावान् अधिकारी अपनी पदोन्नति, वेतन-वृद्धि स्थानांतरण, प्रतिनियुक्ति इत्यादि की भूमिका बना लेते हैं। खैर, ये तो मीटिंग के छोटे-छोटे व्यक्तिगत लाभ हैं, जो इतने विशाल देश की प्रगति और लाभ के सामने नगण्य हैं। —इसी पुस्तक से v लालफीताशाही ने देश की प्रगति को बाधित कर दिया है। अफसरशाहों की मीटिंग-बैठक ‘चालू’ रहती हैं और फाइलें मेज पर ‘जाम’ रहती हैं। इन्हीं परिस्थितियों-व्यस्तताओं पर तीखा व्यंग्य किया है डॉ. प्रेमचंद स्वर्णकार ने, जिनके लेखन में फरेब, झूठ-प्रदर्शन और पाखंड के प्रति गहरी तिलमिलाहट है। इसे पढ़कर पाठक मनोरंजन के साथ-साथ वर्तमान समय की गहरी पीड़ा से साक्षात्कार करेंगे।
Tags:
Politics;