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बेस्ट ऑफ जैमिनी हरियाणवी चुके नहीं इतना उधार है महँगाई की अलग मार है तुम पर बैठे हैं गणेशजी हम पर तो कर्जा सवार है। चूहे, तुमको नमस्कार है।। भक्तजनों की भीड़ लगी है खाने की क्या तुम्हें कमी है कोई देवे लड्डू, पेड़े भेंट करे कोई अनार है। चूहे, तुमको नमस्कार है।। परेशान जो मुझको करती पत्नी केवल तुमसे डरती तुम्हें देखकर हे चूहेजी चढ़ जाता उसको बुखार है। चूहे, तुमको नमस्कार है।। कुरसी है नेता का वाहन जिस पर बैठ करे वह शासन वहाँ भीड़ है तुमसे ज्यादा यह कुरसी का चमत्कार है। चूहे, तुमको नमस्कार है।। —इसी संकलन से प्रस्तुत संकलन में हिंदी व्यंग्य-कविता के स्थापित हस्ताक्षर श्री जैमिनी हरियाणवी के रचना-संसार की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं का रसास्वादन कर सुधी पाठक सोचेंगे-विचारेंगे, गुनगुनाएँगे और फिर हँसी से लोट-पोट हो जाएँगे।
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Autobiography;
Poetry;