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बिहार भारत का एक प्राचीन एवं उज्ज्वल संस्कृतिवाला राज्य है। प्राचीन दुनिया में सबसे पहले लोकतंत्र व्यवस्था वैशाली में स्थापित थी। सारी दुनिया को ज्ञान का आलोक देनेवाला बिहार ही है, जहाँ नालंदा जैसे विश्वविद्यालय स्थापित थे और जहाँ दुनिया भर के ज्ञान-पिपासु अपनी ज्ञान-तृषा शांत करने आया करते थे। खनिज-संपदा में बिहार की बराबरी कोई राज्य नहीं कर सकता। सांस्कृतिक-संपन्नता की दृष्टि से बिहार का कोई सानी नहीं। यहाँ अनेक भाषा-बोलियाँ प्रचलन में हैं। बिहार विषम चरित्रवाला राज्य है, जहाँ ऐसे 241 समुदाय हैं, जिनके गोत्र या विजातीय विभाजन मौजूद हैं। बिहार में 89 प्रतिशत जनता गाँवों में निवास करती है, जिनका मुख्य पेशा खेती-बाड़ी है। यहाँ पर सर्वाधिक मेले आयोजित होते हैं, कुछ मेले तो अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुके हैं। हिंदुस्तान में गंगा-जमुनी संस्कृति की नींव रखनेवाले अकबर ने 1580 में इस भू-भाग को 'सूबा बिहार’ नाम दिया। अंग्रेजी शासन में लंबे संघर्ष के बाद 22 मार्च, 1912 को बिहार को भारत के अलग प्रांत का दरजा मिला। बाद में विकास की दृष्टि से बिहार के भाग को झारखंड नाम से अलग राज्य बना दिया गया। सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक ही नहीं संपूर्ण रूप में जानने-समझने के लिए 'बिहार एक खोज’ अपने आप में एक संपूर्ण पुस्तक है।
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Bihar;