About Product
पीढ़ी-दर-पीढ़ी उपहारस्वरूप प्राप्त होनेवाली ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर ही किसी देश की पहचान होती है। यह धरोहर किसी विशिष्ट संस्कृति, कलात्मक स्थापत्य शैली अथवा नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर मुग्धकारी प्राकृतिक सौंदर्यस्थल के रूप में हो सकती है। अतीत की धरोहरों तथा वर्तमान की अद्वितीय कलाकृतियों को मानवजाति के विकास के लिए भावी पीढि़यों तक सुरक्षित पहँुचाना अत्यावश्यक है। सन् 1972 से यूनेस्को द्वारा गठित ‘विश्व विरासत कमेटी’ ऐसी विरासतों को खोजने, बचाने का काम कर रही है। प्रतिवर्ष लंबी प्रक्रिया के बाद ‘विश्व विरासत कमेटी’ नए विश्व विरासत स्थलों का चयन कर उन्हें सक एवं मान्यता प्रदान करती है। जुलाई 2015 तक 163 देशों के 1031 स्थलों को विश्व विरासत घोषित किया जा चुका है। इनमें 802 सांस्कृतिक, 197 प्राकृतिक एवं 32 स्थल शामिल हैं। वर्ष 2011 में नौ नवनिर्वाचित सदस्यों में कड़ी प्रतिस्पर्धा के उपरांत भारत भी सदस्यता प्राप्त करने में सफल हो गया। यह सदस्यता चार वर्षों के लिए होती है। भारत में 32 सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक स्थलों को विश्व विरासत के रूप में मान्यता प्रदान की जा चुकी है। उन विश्वप्रसिद्ध धरोहर स्थलों का रोचक विवरण प्रस्तुत है पुस्तक में।.
Tags:
Religious;