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यह आजादी के बाद हिंदी की आर्थिक पत्रकारिता की विकास-यात्रा का शोधपरक प्रामाणिक दस्तावेज है। आर्थिक पत्रकारिता की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को सामने रखते हुए उसके प्रभाव-क्षेत्र और विस्तार को उद्धरणों के साथ तथ्यात्मक विवेचना और प्रवृत्तियों सहित प्रस्तुत किया गया है। देश के आर्थिक विकास और उनसे जुड़ी आशाओं व चिंताओं पर भी प्रकाश डाला गया है। यह पुस्तक देश की वर्तमान आर्थिक पत्रकारिता की संभावनाओं और चुनौतियों को बखूबी प्रस्तुत करती है।
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Journalism;
Stories;