About Product
सत्तरअस्सी के दशक में अशोक चक्रधर का नाम बड़ी तेजी से उभरा और बड़ी जल्दी उन्होंने काव्यजगत् में अपनी पहचान बना ली तथा मंच की लोकप्रिय कविता के नए मानक तैयार किए। देशविदेश के हिंदी प्रेमियों के बीच उन्होंने अत्यंत स्नेह और आदर पाया। वे कवियों के कवि हैं। डॉ. कुँअर बेचैन उनके बारे में कहते हैं—‘‘अशोक चक्रधर ऐसी आँख है, जिससे कुछ छिपता नहीं; ऐसा वृक्ष है, जिसकी छाया में विश्राम और शांति मिलती है; ऐसा दरिया है, जिसकी लहरों पर हम अपने प्रयत्नों और सपनों की नाव सरलता से तैरा सकते हैं; प्रेम का ऐसा बादल है, जो सब पर बरसता है; पसीने की ऐसी चमकदार बूँद है, जो श्रमदेवता के माथे की शोभा बढ़ाती है; ऐसी सुबह है, जिसके पास आकर नींद खुलती है; ऐसी नींद है, जो नए सपने जगाती है और ऐसा फूल है, जो हर पल महकता है, खिलता है और दूसरों के होंठों को अपनी खिलखिलाहट देता है।’’ इस संकलन में उनकी ऐसी प्रतिनिधि कविताएँ संकलित हैं, जिन्होंने कवि सम्मेलनों का मिजाज निर्धारित किया। समय आगे बढ़ता जा रहा है, लेकिन उनकी कविता के कथ्य आज भी प्रासंगिक हैं।.
Tags:
Novel;