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यशस्वी शब्दसाधक डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के चिरंतन-चिंतक व्यक्तित्व की अक्षय प्रतीक ‘सृजन के बीज’ की ये कविताएँ निश्चय ही ‘सृजन की चेतना’ से अनुप्राणित हैं। यह कविता-संग्रह वस्तुतः कवि डॉ. निशंक के इंद्रधनुषी जीवनानुभवों का प्यारा-सा गुलदस्ता है, जिसमें हर्ष-विषाद, आशा-निराशा और सत्य-असत्य के शाश्वत झूले से झूलते हृदय की सजीव और सृजनात्मक झाँकियाँ पाठकों को अनायास मोहित कर लेंगी। ‘सृजन के बीज’ कविता-संग्रह की कविताएँ साहित्य की सभी कसौटी पर पूर्णतः खरी उतरती हैं। डॉ. ‘निशंक’ उदात्त-चिंतन और मानवीय संवेदनाओं के प्रति पूर्णतः समर्पित रचनाकार तथा समाज के उच्चतर जीवन-मूल्यों के पक्षधर हैं। इस कविता-संग्रह में भी उनका यही उदात्त-चिंतन यत्र-तत्र मुखर हुआ है। प्रकृति, मानवीय संबंधों, जीवन-मूल्यों को भावप्रवण रूप में उद्घाटित करती लोकप्रिय कविताओं का पठनीय संकलन|
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Poems;