Bhaktiyoga

Bhaktiyoga

₹ 194 ₹200
Shipping: Free
  • ISBN: 9789350486078
  • Author(s): Swami Vivekanand
  • Publisher: Prabhat Prakashan (General)
  • Product ID: 572068
  • Country of Origin: India
  • Availability: Sold Out
Available on SOD This book is available on our Supply on Demand (SOD) feature. It will be procured after your order. Dispatch can take 1-3 working days. Know more.
Check delivery time for your pincode

About Product

निष्कपट भाव से ईश्वर की खोज को ‘भक्तियोग’ कहते हैं। इस खोज का आरंभ, मध्य और अंत प्रेम में होता है। ईश्वर के प्रति एक क्षण की भी प्रेमोन्मत्तता हमारे लिए शाश्वत मुक्ति को देनेवाली होती है। ‘भक्तिसूत्र’ में नारदजी कहते हैं, ‘‘भगवान्् के प्रति उत्कट प्रेम ही भक्ति है। जब मनुष्य इसे प्राप्त कर लेता है, तो सभी उसके प्रेमपात्र बन जाते हैं। वह किसी से घृणा नहीं करता; वह सदा के लिए संतुष्ट हो जाता है। इस प्रेम से किसी काम्य वस्तु की प्राप्ति नहीं हो सकती, क्योंकि जब तक सांसारिक वासनाएँ घर किए रहती हैं, तब तक इस प्रेम का उदय ही नहीं होता। भक्ति कर्म से श्रेष्ठ है और ज्ञान तथा योग से भी उच्च है, क्योंकि इन सबका एक न एक लक्ष्य है ही, पर भक्ति स्वयं ही साध्य और साधन-स्वरूप है।’’ —(नारदभक्तिसूत्र).

Tags: SWAMI VIVEKANANDA;

Related Books

Karmyog
Karmyog
₹ 75 ₹ 125 40%
Shipping: ₹ 75
Premyog
Premyog
₹ 75 ₹ 125 40%
Shipping: ₹ 75
Raajyog
Raajyog
₹ 192 ₹ 195
Shipping: Free
Bhaktiyog
Bhaktiyog
₹ 75 ₹ 125 40%
Shipping: ₹ 75
Vivekanand Tum Laut Aao
Vivekanand Tum Laut Aao
₹ 200 ₹ 250 20%
Shipping: ₹ 75

81326+ Books

Wide Range

53+ Books

Added in last 24 Hours

2000+

Daily Visitor

8

Warehouses

Brand Slider

BooksbyBSF
Supply on Demand
Bokaro Students Friend Pvt Ltd
OlyGoldy
Akshat IT Solutions Pvt Ltd
Make In India
Instagram
Facebook