Viraat Purush Samajshastri Nanaji

Viraat Purush Samajshastri Nanaji

₹ 334 ₹400
Shipping: Free
  • ISBN: 9789351860778
  • Author(s): Nanaji Deshmukh
  • Publisher: Prabhat Prakashan (General)
  • Product ID: 573182
  • Country of Origin: India
  • Availability: Sold Out
Available on SOD This book is available on our Supply on Demand (SOD) feature. It will be procured after your order. Dispatch can take 1-3 working days. Know more.
Check delivery time for your pincode

About Product

एक समरस, संस्कारित, सुदृढ़, सबल, सशक्तीकृत समाज, नानाजी के विचारों व कर्तृत्व के केंद्र में था। सामाजिक जीवन में परस्पर पूरकता व सहजीवन नानाजी के लिए सामाजिक पुनर्रचना के मूलमंत्र थे। देशज मूल्यों के प्रति नानाजी का आग्रह, वर्तमान युग को समझने की उनकी ललक और दोनों में तालमेल बिठाने का जज्बा, नानाजी को अन्य महापुरुषों से अलग करते हैं। सामाजिक कार्यों में उन्होंने समाज की पहल और भागीदारी से विकास का जो मॉडल प्रस्तुत किया, उसकी सराहना देश भर में होती रही है। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने स्वयं इस मॉडल को देखने के बाद कहा था कि विभिन्न राज्य सरकारों को इस मॉडल को अपनाना चाहिए। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चित्रकूट के विकास को चमत्कार बताते हुए कहा था कि ‘नानाजी से सीखें कि कैसे बदला जा सकता है देश।’ वे अपनी बातों में, अपने भाषणों में, लेखों में, पत्रों में सामाजिक पुनर्रचना के विविध आयामों पर बारबार चर्चा किया करते थे, उन्हें रेखांकित किया करते थे। नानाजी द्वारा स्थापित सभी प्रकल्पों में इस विचार को हम आकार लेते हुए देख सकते हैं। इन सभी प्रकल्पों की कल्पना व रूपरेखा जो नानाजी स्वयं लिखा करते थे, इस खंड में मूल रूप में ही दी जा रही है।.

Tags: Autobiography; Biography; Political;

79981+ Books

Wide Range

11+ Books

Added in last 24 Hours

2000+

Daily Visitor

8

Warehouses

Brand Slider

BooksbyBSF
Supply on Demand
Bokaro Students Friend Pvt Ltd
OlyGoldy
Akshat IT Solutions Pvt Ltd
Make In India
Instagram
Facebook