Viraat Purush Rajnitigya Nanaji

Viraat Purush Rajnitigya Nanaji

₹ 334 ₹400
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  • ISBN: 9789351860815
  • Author(s): Nanaji Deshmukh
  • Publisher: Prabhat Prakashan (General)
  • Product ID: 573183
  • Country of Origin: India
  • Availability: Sold Out
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About Product

जनसंघ की स्थापना के साथ ही उसमें पदार्पण करने वाले नानाजी देशमुख शायद स्वभाव से ही राजनीतिज्ञ थे। लगभग तीन दशक तक नानाजी देश के राजनैतिक ल पर छाए रहे। जनसंघ में और उससे बाहर भी। पं. दीनदयाल उपाध्याय के पश्चात् जनसंघ में उनकी छवि एक अद्वितीय संगठक की बनी और पंडितजी के रहते हुए भी देश की राजनीति में एक ऐसे सर्वमान्य राजनेता की, जो अपनी विचारधारा से इतर अन्य दलों को भी साथ लेकर चलने की क्षमता रखता था। लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डॉ. राम मनोहर लोहिया और आचार्य कृपलानी जैसे विचारकों और महानायकों को कभी नानाजी के साथ काम करने में संकोच नहीं हुआ बल्कि ये सब काफी हद तक नानाजी पर निर्भर हो गए थे। सिर्फ राजनैतिक दल ही नहीं, उद्योग व पत्रकारिता जगत् के महारथियों ने भी नानाजी की अद्भुत क्षमता को बारबार अनुभव किया। सन् 1977 में बलशाली दिखने वाली कांग्रेस की चूलें हिला देने वाले विलक्षण खेल की व्यूहरचना का श्रेय भी नानाजी की चाणक्य बुद्धि को ही जाता है। राजनीति के उच्चतम शिखर पर पहुँचने के बावजूद उन्होंने सत्ता से दूर रहना भी सहजता से स्वीकार कर लिया। 60 बरस की उम्र होने पर सक्रिय राजनीति छोड़कर सामाजिक पुनर्रचना के काम में उन्होंने स्वयं को समर्पित कर देश के राजनीतिज्ञों के लिए एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया।.

Tags: Biography; Culture;

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