Yog Vishwa Ko Bharat Ki Anmol Bhent

Yog Vishwa Ko Bharat Ki Anmol Bhent

₹ 334 ₹400
Shipping: Free
  • ISBN: 9789351868798
  • Author(s): Ravi Kumar
  • Publisher: Prabhat Prakashan (General)
  • Product ID: 573251
  • Country of Origin: India
  • Availability: Sold Out
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About Product

प्राचीन भारत ने हमें गणित, बीजगणित, ज्यामिति, त्रिकोणमिति, शून्य, दशमलव, ज्योतिष, औषधि, व्याकरण, जातक कथाएँ और अनेक नैतिक मूल्यों का आधार दिया है। आधुनिक विश्व संस्कृत, भगवद्गीता और योग से लाभ उठा रहा है। योग के अभ्यास को हमारे ऋषियों और संतों द्वारा शरीर, मन और आत्मा के संपूर्ण स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए सहज ज्ञान द्वारा प्राप्त करके दिशा दी गई, सिद्ध और संहिताबद्ध किया गया। योग लोगों को अशांति के बीच शांति प्राप्त करने में सहायता करता है। ये हमारे शरीर, मन और आत्मा में स्वास्थ्य और संतुलन लाता है। तन स्वस्थ हो, मन स्वस्थ हो, सब नीरोग हों—यही योग का संदेश है। 11 दिसंबर, 2014 को 193 सदस्यों की संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्राचीन भारत के स्वास्थ्य एवं कल्याण की ओर समग्र दृष्टिकोण को मान्यता देते हुए आम सहमति से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने पर सहमति प्रदान की। योग का संबंध आज पूरे विश्व से है। विश्व के कई नेता, खेल-कूद और फिल्मी दुनिया के सितारे और संगीत जगत् के दिग्गज विभिन्न कारणों से अपने दैनिक जीवन में योगाभ्यास करते हैं। योग की वैश्विक स्वीकार्यता और उसके उपयोग की व्यापकता को रेखांकित करने के उद्देश्य से यह पुस्तक लिखी गई है। हमें विश्वास है कि यह पुस्तक लोगों को योग की ओर आकर्षित करेगी और जन-जन योग को अपनाकर अपने जीवन को सुखमय-तनावमुक्त बना पाएँगे|

Tags: Health & Fitness; Yoga;

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