About Product
किस्से-कहानियाँ किसे पसंद नहीं। और वो भी ऐसे किस्से, जिन्हें सुनते हुए कोई मीठा सा गीत पार्श्व संगीत बनकर बजने लगे, आँखों के सामने कुछ चहेते चेहरे अनायास तैरने लगें। ऐसे किस्से, जिन्हें पढ़ते हुए आप पहुँच जाएँ किसी सिद्ध संगीतज्ञ के म्यूजिक रूम में। वह म्यूजिक रूम, जहाँ आनेवाले कल का कोई सदाबहार नगमा आकार ले रहा है, जहाँ गीत-संगीत के रचनाकारों के बीच सुरीला संवाद हो रहा है, जहाँ साज और आवाज की सोज भरी जुगलबंदी हो रही है। अकसर देखा गया है कि शास्त्रीय रागों की बात भी बड़े शास्त्रीय तरीके से की जाती है, लेकिन ‘रागगीरी’ का अंदाज बिल्कुल अलग है। यहाँ किस्सा भले ही शुरू होता है किसी राग के बहाने, लेकिन पढ़नेवाला पहुँच जाता है किसी जाने-पहचाने गीत की गंगोत्तरी पर।.
Tags:
Music;
Stories;