About Product
भारतीय संस्कृति एक ओर जहाँ सत्य की सतत खोज में रत है और इस खोज के निमित्त जहाँ वे केवल आडंबरों का ही नहीं, बल्कि व्यक्तित्व के हर नाम व रूप के संपूर्ण विसर्जन की पक्षधरता करती है, वहीं दूसरी ओर इस संस्कृति में जैसा अद्भुत समन्वय है वह मानवता के लिए एक श्रेष्ठतम देन है। इस संस्कृति की विशेषता ही यह है कि वह हर बात, हर पक्ष के लिए राजी है तथा और तो और, असत्य को भी परमात्मा की छाया के रूप में मान्यता देती है; क्योंकि लक्ष्य है सत्य और असत्य से ऊपर उठकर, उसका अतिक्रमण करके यह जानने की चेष्टा कि पूर्णत्व है क्या? —इसी पुस्तक से प्रखर चिंतक व विचारक नरेंद्र मोहन का भारतीय धर्म, संस्कृति, कला व साहित्य के प्रति विशेष अनुराग रहा। उनके उसी अनुराग ने उनकी लेखनी को यह पुस्तक लिखने की प्रेरणा दी, जिसमें उन्होंने भारतीय संस्कृति के सभी पक्षों पर एक सार्थक चर्चा की है। विश्वास है कि यह कृति भारतीय जनमानस में समाहित भारतीय संस्कृति के प्रति निष्ठा को और प्रबल करेगी।.
Tags:
Culture;
Religious;