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चंदर सोनाने की इस पुस्तक के लेख अखबार में लिखे गए नियमित स्तंभ का हिस्सा रहे हैं। अखबार के लिए नियमित लिखना एक कठिन और चुनौती भरा काम है। नित नया और विचारोत्तजक लिखना दायित्व और विवशता दोनों हैं। चंदर सोनाने ने इसके लिए बहुत श्रम किया है। अपने लेखन को रोचक बनाने के साथ ही चंदर ने उसे सामाजिक सरोकारों से भी जोड़ा है; चाहे वे स्थानीय मुद्दे हों या अखिल भारतीय या विश्व समाज के; उन्हें उसी दायित्व-बोध के साथ सहजता से लिखा है।
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Culture;
India;