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गुलाब कोठारी का बहुमुखी व्यक्तित्व है। उनके अधिकांश प्रशंसक उन्हें एक प्रखर पत्रकार और संपादक के रूप में जानते हैं। प्रबंधक के रूप में भी वे मीडिया जगत् की जानी-मानी हस्ती हैं। एक संवेदनशील कवि के रूप में वे हिंदी-जगत् में उभरे, जब उन्हें भारतीय ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वेद-विज्ञान में भी उनकी राष्ट्रीय छवि है। पत्रकारिता, वेद-विज्ञान और साहित्य का प्रतिनिधित्व करती उनकी कुछ रचनाएँ इस ग्रंथ में शामिल की गई हैं, ताकि पाठक प्रोफेसर कोठारी के लेखन का एक आस्वाद पा सकें। विभिन्न स्तरों पर उनका लेखन एक विराट् सृजन-यात्रा है। वे निरंतर सृजनरत हैं। ‘वेद-विज्ञान, पत्रकारिता और साहित्य में आचार्य गुलाब कोठारी की दृष्टि’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, वैदिक वाङ्मय, दर्शन, धर्म, अध्यात्म, राजनीति, पत्रकारिता व मीडिया प्रबंधन से जुड़ी विख्यात हस्तियों ने भागीदारी निभाई। इनमें प्रो. सत्यव्रत शास्त्रा्, बालकवि बैरागी, प्रसून जोशी, स्वामी अवधेशानंद गिरी, बी.एल. जोशी, स्वामी रामनरेशाचार्य, स्वामी महेश्वरानंद, शिवराजसिंह चौहान, उमा भारती, एच.के. दुआ, राम बहादुर राय, इशरत अली, युगलकिशोर मिश्र, विक्रम सखूजा, रमेश नारायण, मदर सांडा डेविस, कटसूया कोडामा आदि अनेक वक्ताओं ने प्रोफेसर गुलाब कोठारी के व्यक्तित्व और कर्तृत्व पर खुलकर विचार व्यक्त किए। यह ग्रंथ इसी संगोष्ठी का प्रतिनिधि संकलन है|
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Biography;
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