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डॉ. कलाम के प्रेरक विचार उद्यम के बिना ज्ञान अनुपयोगी और अप्रासंगिक है। उद्यम के साथ ज्ञान से समृद्धि आती है। सभी के विचार सुनने से ज्ञान को बढ़ावा मिलता है। इस ग्रह पर शायद ज्ञात ब्रह्मांड में मानव ही एकमात्र ऐसा प्राणी है, जो ज्ञान की खोज और उसकी वृद्धि में लगा रहता है। सम्मिश्रित ज्ञान बेहतर ज्ञान होता है। ज्ञान क्रांति ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नींव होगी। ज्ञान का प्रबंधन व्यक्तिगत प्रभाव-क्षेत्र से बाहर आना ही चाहिए और एक-दूसरे से जुड़े समूहों के प्रभाव-क्षेत्र में जाना चाहिए। मैं विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए ज्ञान की ज्योति जलाए रखूँगा। नीति संबंधी आचरण पिता, माता और प्राथमिक स्कूल शिक्षक सिखाते हैं। अगर बच्चे का पालन-पोषण ऐसे परिवेश में होता है तो मुझे विश्वास है कि बच्चे में विपरीत परिस्थितियों के समय भी सही गुण बने रहेंगे। बच्चे हमारा महानतम धन हैं और यह राष्ट्र का दायित्व है कि हर बच्चे को फलने-फूलने का मौका मिले। इस दायित्व को पूरा करने के लिए पहला कदम यही है कि बच्चे के जन्म के तुरंत बाद ही उसकी पहचान की जाए। धर्म, जाति और भाषा के आधार पर किसी के साथ भेदभाव न करो। ईमानदार बनो और भ्रष्टाचार-मुक्त समाज की रचना करो। बच्चे और युवा ही किसी राष्ट्र के भविष्य की तसवीर होते हैं। अगर भारत को वर्ष 2020 तक विकसित बनना है तो यह काम युवाओं के बल पर ही हो सकता है। अपने राष्ट्र के युवा होने के नाते आप अपने सभी कार्यों में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत कीजिए और दूसरों की सफलता का आनंद लीजिए|
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APJ Abdul Kalam;
Novel;
Autobiography;