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विश्व हिन्दू परिषद भारत तथा विदेश में रह रहे हिन्दुओं की एक सामाजिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक संस्था है। सेवा इसका प्रधान गुण है। इसकी स्थापना हिन्दुओं के धर्माचार्यों और संतों के आशीर्वाद तथा विश्वविख्यात दार्शनिकों और विचारकों के परामर्श से हुई है। विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना के समय प्रारंभकर्ता महापुरुषों का विचार क्या था? हिन्दुत्व के प्रति गौरवबोध तथा हिन्दुओं में सामाजिक चेतना जाग्रत करने की दृष्टि से परिषद ने समय-समय पर अनेक ऐतिहासिक सम्मेलन एवं आंदोलन आयोजित किए। शिक्षा, सेवा तथा स्वास्थ्य के क्षेत्रों में रचनात्मक गतिविधियों द्वारा सामाजिक समरसता को सुदृढ़ किया ताकि समाज के सभी वर्गों का समुचित उत्थान हो सके। हिन्दू समाज के सामने आज उपस्थित चुनौतियाँ सर्वज्ञात हैं। वर्तमान सबके सामने रहता है, पर अतीत विस्मरण न हो, मूल कहीं छूट न जाए, इसके लिए मौलिक बातों को स्मरण करना आवश्यक होता है। विहिप के स्वर्ण जयंती वर्ष में संगठन की निर्मिति, उसकी सोच एवं क्रियान्विति कार्यकर्ताओं के साथ आम जन तक पहुँचे, यह पुस्तक इसी उद्देश्य से प्रस्तुत है।
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Hindi;
Stories;