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भाषा के ज्ञान के लिए उसके व्याकरण की जानकारी होना आवश्यक है। इससे भाषा का उचित प्रयोग करना सरल हो जाता है। बालक को भाषा के शुद्ध रूप का ज्ञान कराने में प्राथमिक/माध्यमिक कक्षाओं के अध्यापक एक अहम भूमिका का निर्वाह करते हैं। व्याकरण जैसे नीरस विषय को सरस और रोचक बनाकर प्रस्तुत करना उन्हीं पर निर्भर करता है। यह पुस्तक उनके लिए निश्चित रूप से सहायक सिद्ध होगी।व्याकरण को रोचक, सरल और सहज बनाने के लिए विद्यार्थियों के मानसिक स्तर तथा उनकी रुचियों की जानकारी होना आवश्यक है। विभिन्न स्तरों पर गठित शिक्षा आयोगों एवं शिक्षा-समितियों ने शिक्षा का केंद्र विद्यार्थी को माना है। राष्ट्रीय शिक्षा-समिति की रिपोर्ट में भी इस पर अत्यधिक बल दिया गया है। यह पुस्तक इनकी संस्तुतियों को आधार बनाकर ही तैयार की गई है।इस पुस्तक में विद्यार्थियों द्वारा स्वयं करके सीखने पर बल दिया गया है। छोटी-छोटी कहानियों, घटनाओं और विद्यार्थियों के दैनिक जीवन से संबंधित घटनाओं तथा परिवेश से जुडे़ उदाहरणों के माध्यम से व्याकरण के नियमों को सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है।
Tags:
Class - 7;
Hindi;
Vyakaran;
Grammar composition;