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उसका बस यही अपराध था, वो एक स्वतंत्र नारी बनना चाहती थी। जब माता हारी पेरिस पहुँची तब उसके पास एक फूटी कौड़ी भी नहीं थी। चंद ही महीनों में वो शहर की सबसे विख्यात महिला बन गई। नर्तकी के रूप में उसने दर्शकों को स्तंभित और आनंदित किया। एक गणिका के रूप में उसने उस दौर के सबसे अमीर और प्रभावशाली पुरुषों को मोहित किया। मगर जब युद्ध की आशंका ने एक देश को भयाक्रांत कर दिया तब माता हारी की जीवन शैली ने ही उसे संदेह के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया। सन् 1917 में शैमप्स-ऐलिसी स्थित उसके होटल के कमरे से जासूसी के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। माता हारी द्वारा लिखे आखिरी पत्र के माध्यम से उसकी जबानी बयान की गई। ‘द स्पाय’ उस औरत की अविस्मरणीय कहानी है जिसने न केवल परिपाटी को चुनौती देने का साहस किया बल्कि उसकी चरम कीमत भी अदा की।.
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Fiction;
Historical;