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CTET / TET के नवीनतम सिलेबस के आधार पर प्रस्तुत बाल विकास और अध्यापन कला (वर्ग I-VIII) नामक इस पुस्तक के तृतीय संस्करण में उन सभी तथ्यों को समाहित किया गया है, जो बालकों के विकास के साथ-साथ समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझना और उनके अधिगम एवं अध्यापन की स्थितियों से संदर्भित हों। इस पुस्तक की रचना करते समय इनमें निहित अध्यायों को क्रमबद्ध करते समय मनोविज्ञान की विविध पुस्तकों का अध्ययन कर तथा उसके तथ्यों को CTET / TET के पूर्व वर्षों की परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों के अनुरुप व्यवस्थित किया गया है, ताकि अभ्यार्थियों को इसका एहसास हो जाये कि उन्हें इसके लिए कहां तक पढ़ना है। याद रहे कि इस पुस्तक में निहित विषयगत शिक्षण शास्त्र के मुख्य पहलुओं को स्पष्ट रूप से समावेशित करने हेतु हमारे लेखकों ने सीबीएससी एवं एनसीईआरटी के विषय विशेषज्ञों तथा प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षण शालाओं के प्रशिक्षकों से अध्यापन कला / शिक्षण शास्त्र पर विशेष रूप से राय लेकर उसे अपने शब्दों में समझाने का इस रूप से प्रयास किया है, ताकि अभ्यार्थी इस विषयवस्तु को अच्छी तरह समझ कर इसके अंतर्गत पूछे जाने वाले प्रश्नों का सटीक उत्तर बड़ी आसानी से दे सकें। प्रमुख आकर्षण: 1) प्रस्तुत पुस्तक CTET / TET के नवीनतम सिलेबस के आधार पर लिखी गयी है, जो संबंधित परीक्षा के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी । 2) प्रस्तुत पुस्तक तीन भागों यथा बालकों का विकास, समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझना एवं अधिगम एवं अध्यापन, में विभाजित है। 3) प्रत्येक अध्याय के विषयवार अध्ययन सामग्रियों में परीक्षोपयोगी महत्वपूर्ण तथ्यों को वन लाइनर के रूप में प्रस्तुत किया गया है। 4) अध्यायवार शिक्षण शास्त्रीय प्रश्नों को समाहित किया गया है ताकि शिक्षार्थी अध्याय संबंधी शिक्षण शास्त्रीय अवधारणाओं के उपयोग को समझ सकें। 5) प्रत्येक अध्याय में अभ्यार्थियों के अभ्यासार्थ दो तरह के प्रश्नों को उनका उचित स्थान दिया गया है जिनमें 2011 से जनवरी 2021 तक के सीटेट एवं विभिन्न हिंदी भाषी राज्यों के टेट के प्रश्न शामिल हैं। 6) CTET / TET की नवीनतम परीक्षा के अनुरूप पूर्ण रूप से मॉक टेस्ट पेपर्स भी समाहित हैं। 7) विषयगत अध्यापन कला / शिक्षण शास्त्र के चरित्र चित्रण के समय विषय विशेषज्ञों का अटूट सहयोग। 8) पुस्तक को प्रस्तुत करते समय इसमें निहित तथ्यों की भाषा शैली को सहज, सरल, स्पष्ट, रुचिकर एवं बोधगम्य बनाने का प्रयास ।
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CTET;
Arts;