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रवि पी. अग्रहरि द्वारा पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन, एवं आपदा प्रबंधन (Paryavarniya Paristhitiki, Jaiv Vividhata, Jalvayu Parivartan Evam Aapda Prabandhan) के अपने तिसरे संस्करण में यूपीएससी की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाओं में शामिल हो रहे छात्रों की जरूरतों के अनुरूप पुस्तक को पूरी तरह से संशोधित किया गया है। एक व्यवस्थित रूप से उचित सामग्री के साथ, एक स्पष्ट भाषा में लिखी गई और प्रवाह चार्ट, आरेखों और मानचित्रों के साथ पूरक, यह पुस्तक अपने पाठकों को परीक्षा प्रडाली के अनुरूप होने के साथ-साथ विषय की एक उपयुक्त समझ प्रदान करती है। इसमें बुनियादी से उन्नत स्तर तक पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैवविविधता एवं जलवायु परिवर्तन के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है जो प्रत्येक पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए इसे समझना और याद रखना आसान बनाता है। इस पुस्तक में विभिन्न पर्यावरणीय क्षेत्रों में विकास से जुड़ी समसामयिकी घटनाक्रमों तथा उनके बुनियादी अवधारणाओं का एक सुमेलन है जो इसे सिविल सेवा परीक्षा के विद्यार्थियों के अनुकूल बनाता है । प्रमुख विशेषताऐं: 1. संपूर्ण विषय नवीनतम परीक्षा आवश्यकता के अनुसार संरेखित 2. दोनों भागों पर्यावरण (भाग A) और आपदा प्रबंधन (भाग B) में स्पष्टीकरण के साथ 2013 - 2021 के मुख्य परीक्षा प्रश्न- उत्तर के साथ शामिल 3. यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों के साथ संकलित 4. यह पुस्तक, विषय पर यूपीएससी परीक्षा पैटर्न के गहन विश्लेषण के आधार पर चुने गए प्रासंगिक विषयों, सामान्य मुद्दों और राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाओं को शामिल करती है 5. वन्यजीव अभयारण्यों, जैव आरक्षित क्षेत्रो, विरासत स्थलों और अन्य प्रासंगिक विधियों जैसे भारतीयवन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 आदि से संबंधित हाल के आकंड़े
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UPSC;
Civil Services;
Civil Sewa;