Aakhiri Manzil

Aakhiri Manzil

₹ 113 ₹150
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  • ISBN: 9788126714742
  • Edition/Reprint: 2nd
  • Author(s): Ravindra Verma
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Product ID: 567307
  • Country of Origin: India
  • Availability: Sold Out

About Product

आखिरी मंजिल वरिष्ठ क़लमकार रवीन्द्र वर्मा के उपन्यास आखि़री मंजिश्ल के कवि-नायक में एक ओर ऐसी आत्मिक उत्कटता है कि वह अपने शरीर का अतिक्रमण करना चाहता है, दूसरी ओर अपनी अन्तिम आत्मिक हताशा में भी उसे आत्महत्या से बचे किसान का सपना आता है जो उसका पड़ोसी है और जिसका घर ‘ईश्वर का घर’ है। हमारे कथा-साहित्य में अक्सर ये आत्मिक और सामाजिक चेतना के दोनों धरातल बहुत-कुछ अलग-अलग पाए जाते हैं। यह उपन्यास मनुष्य की चेतना के विविध स्तरों की पंुजीभूत खोज है - उनकी सम्भावनाओं और सीमाओं की भी। इसमें चेतना के आत्मिक- आध्यात्मिक और सामाजिक पहलू एक-दूसरे से अन्तखक्रया करते हुए एक-दूसरे से अपना रिश्ता ढँूढ़ते हैं। ऐसा लगता है जैसे चेतना के विभिन्न स्तर एक-दूसरे से मिलकर एक संश्लिष्ट, पूर्ण, बेचैन मानव-अस्मिता रच रहे हैं जिसमें सारे तार एक-दूसरे में गँुथे हैं। इस भोगवादी समय में कलाकार की नियति से जुड़ा सफलता और सार्थकता का द्वन्द्व और भी तीखा हो गया है। यह द्वन्द्व इस आख्यान का एक मूलभूत आयाम है जिसके माध्यम से मनुष्य की नियति की खोज सम्भव होती है। यह खोज अन्ततः एक त्रासद सिम्फ़नी में समाप्त होती है। रवीन्द्र वर्मा अपने क़िस्म के अनूठे रचनाकार हैं। कथ्य और शिल्प के मामले में परम्परा और आधुनिकता का जो सम्मिलन उनके इस नए उपन्यास में दिखाई देता है, वह अद्वितीय है। साहित्य-समाज की मौजूदा तिक्तता और संत्रास तथा प्रकाशन और पुरस्कार की राजनीति को जानने-समझने का अवसर मुहैया करानेवाला अत्यन्त जश्रूरी उपन्यास।

Tags: Novel; Fiction;

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