Agnileek

Agnileek

₹ 576 ₹695
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  • ISBN: 9789389577402
  • Edition/Reprint: 1st
  • Author(s): Hrishikesh Sulabh
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Product ID: 567738
  • Country of Origin: India
  • Availability: Sold Out

About Product

अग्निलीक उपन्यास आजादी के उत्तरार्द्ध की वह कथा है जिसके रक्त में आजादी के पूर्वार्द्ध यानी अठारह सौ सत्तावन के विद्रोह के गर्व की गरमाहट तो है, लेकिन अंग्रेजों के खिलाफ कभी जो हिदू-मुसलमान एक साथ लड़े थे, आज उसी जमीन पर बदली हुई राजनीति का खेल ऐसा कि उनके मंतव्य भी बदल गए है और मंसूबे भी । यह हिन्दी का सम्भवत : पहला उपन्यास है जिसमें हिन्द-मुसलमान अपनी जातीय और वर्गीय ताकत के साथ उपस्थित हैं । और यही कारण कि कथा शमशेर साँई के कत्ल से शुरू होती है, उसकी गुत्थी मुखिया लीलाधर यादव और सरपंच अकरम अंसारी के बीच अन्तत: रहस्यमय बनी रहती है । कानून भी ताक़त के साथ ही खड़ा । असल में टूटते-छूटते सामन्तवाद के युग में अपने वर्चस्व को बनाए रखने की राजनीति क्या हो सकती है, इसे भावी मुखिया लीलाधर यादव की पोती रेवती के जरिए जिस रणनीति को लेखक ने गहराई से साधा है, उससे न सिर्फ बिहार को बल्कि भारतीय राजनीति में गहरी ज़ड़े जमा चुके वंशवाद को भी देखा-समझा जा सकता है । साथ ही यह भी कि इसको मज़बूत बनाने में रेशमा कलवारिन के रूप में उभरती हुई स्त्री-शक्ति का भी इस्तेमाल कितनी चालाकी से किया जा सकता है । अग्निलीक अपने काल के घटना-क्रम में जीवन के कई मोडों से गुजरी रेशमा कलवारिन के साथ-साथ कईं अन्य स्त्री-चरित्रों ककी अविस्मरणीय कथा बाँचता उपन्यास है । वह चाहे कभी प्रेम में रँगी यशोदा हो या उनकी पोती रेवती जिसके प्रेमी की उसका भाई ही अछूत होने के कारण हत्या कर देता है । सरपंच अकरम अंसारी के साथ बिन ब्याहे रहनेवाली उसी को फूफेरी बहन मुम्मी बी हो या शमशेर साँई को बेवा गुल बानो; सब अलग होते हुए भी उपन्यास को मुख्य कथा से अभिन्न रूप में जुड़े हुए हैं । यह उपन्यास महात्मा गाँधी के सपनों के गाँवों का उपन्यास नहीं है, इसमें वे गाँव हैं जो हिन्द स्वराज की क़ब्र पर खड़े । यहाँ जो हैं कलाली के धंधे में हैं, गँजेडी-जुआरी भी हैं । यहाँ राजनीति में प्रतिद्वंद्वी कटूटर दुश्मन हैं । जिन्हें अपने बच्चों को शिक्षा की फिक्र है, गाँव छोड़ चुके हैं । लेकिन हाँ, यहाँ उगे स्त्रियाँ हैं, वे सिर्फ भोग की वस्तु नहीं हैं, मुक्ति का साहस भी रचना जानती हैं । अग्निलाँक पुरबियों के जीवन-यथार्थ को दुर्लभ कथा है ।

Tags: Novel; Fiction;

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