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अगर आपको ज्यादा-से-ज्यादा काम सौंपा जाता है तो क मानिए, आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं, क्योंकि जिम्मेदारी उसी को मिलती है, जो उन्हें निभा सकता है। जिम्मेदारियों को अगर आप बोझ की तरह लेंगे तो ये आपको तोड़कर रख देंगी। इनसे मुझेहाँह मोड़ना आपको असफलताओं के गर्त में धकेल देगा। जिम्मेदारियाँ मनुष्य के जन्म लेते ही उसके साथ जुड़ जाती हैं। परिवार, समाज और देश जिम्मेदारियों के सही निर्वहण से ही चल सकता है। एक की जिम्मेदारी दूसरे की ताकत और सफलता बनती है। दूसरे की जिम्मेदारी तीसरे की सफलता और ताकत बनती है। इस तरह यह श्रंखलाबद्ध ढंग से सफलता की सीढ़ियों का निर्माण करती है, जिन पर चढ़कर व्यक्ति, समाज और देश तरक्की करते हैं। अतः एक की जिम्मेदारी दूसरे से जुड़ी है और सबकी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहण ही व्यक्तिगत और सामूहिक सफलता की गारंटी है। जिम्मेदार व्यक्ति ही महान् बनते हैं और जिम्मेदारियाँ ही व्यक्ति को महान् बनाती हैं। आप भी निश्चित ही महान् बनना चाहेंगे—प्रस्तुत पुस्तक आपका इसी दिशा में मार्गदर्शन करेगी।.
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Self Help;
Self Motivation;