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मान्य ज्ञान’ शब्द सुनने में जितना सामान्य है, तजुरबे और प्रयोग में उतना ही असामान्य और असाधारण है। सामान्य से ज्ञान को सीखकर व्यक्ति असामान्य और असाधारण बन सकता है। सामान्य ज्ञान से व्यक्ति का मस्तिष्क परिपक्व होता है, उसका आई.क्यू. बढ़ता है। यही नहीं, सामान्य ज्ञान का एक प्रश्न अनेक प्रश्नों को जन्म देता है और व्यक्ति को जिज्ञासु बनाता है। इससे व्यक्ति की बौद्धिक शक्ति के साथ-साथ तार्किक शक्ति का भी विकास होता है। दरअसल, सामान्य ज्ञान मस्तिष्क की खुराक है। मस्तिष्क रूपी स्मृति-कोश में आप जितना ज्यादा सामान्य ज्ञान ‘इनपुट’ करेंगे, उतना ही ज्ञान यह ‘आउटपुट’ करेगा। सामान्य ज्ञान के प्रश्नों से मस्तिष्क की कसरत भी होती है और यह स्वस्थ बना रहता है। बाहरी शरीर को तो हम चला-फिराकर स्वस्थ रख सकते हैं, लेकिन ठोस हड्डी के आवरण से घिरे मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए उसे सामान्य ज्ञान के प्रश्नों में उलझाए रखना आवश्यक है। ‘उपकरण’ आपके हाथों में है। सामान्य ज्ञान की यह पुस्तक आपके ‘गागर’ रूपी मस्तिष्क को ‘सागर’ में बदल सकती है। दुनिया भर के ज्ञान की खुराक जब आपके मस्तिष्क को मिलेगी तो यह सदा-सर्वदा सेहतमंद बना रहेगा और आप अपने समूह में अव्वल और उच्चकोटि के सामान्य ज्ञानी बने रहेंगे। ज्यादा नहीं, प्रतिदिन एक से शुरू करते हुए बारंबार यह पुस्तक पढ़ जाएँगे तो अपने आप आपका मस्तिष्क ज्ञान आत्मसात् कर लेगा। आइए, श्रीगणेश करें!.
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